*भारत विश्वगुरू बना*

चंद्रयान -3

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*भारत विश्वगुरू बना*
– डॉ • परमानंद शुक्ल ( अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक, शिक्षक, चीफ़ ऑफ़ “हिंदी माता परिवार भारत” ) “राष्ट्रीय संवाददाता लखनऊ सुपरफास्ट खबरें”।

आज भारत ने अंतरिक्ष में चंद्रयान-3 के साथ इतिहास रच दिया है। चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सेफ लैंडिंग की। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई दी। चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद इसरो चीफ ने वैज्ञानिकों को बधाई दी।
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सुरक्षित लैंडिंग की। इसके बाद देश में लोग खुशी से झूम उठे। इसरो का कंट्रोल सेंटर तालियों से गूंज उठा। इस मौके पर इसरो चीफ के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। चंद्रयान-3 की सेफ लैंडिंग पर इसरो चीफ ने साइंटिस्टो को बधाई दी। इसरो चीफ सोमनाथ ने प्रोजेक्ट डायरेक्ट को बधाई दी। इसरो चीफ ने मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों को बधाई दी। चंद्रयान की सेफ लैंडिंग के बाद मिशन के प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों ने अपने अनुभव शेयर किए।
*पीएम मोदी का प्रेरणादाई संदेश:*
चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद पीएम मोदी ने सोमनाथ को फोन किया था। इसरो चीफ ने इस बात की जानकारी दी। इसरो चीफ ने कहा कि देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने इस मिशन में सीनियर साइंटिस्टों को भी बधाई दी। सोमनाथ ने कहा कि हमनें चंद्रयान 1 से सफर शुरू किया था। यह अब चंद्रयान 3 तक पहुंच चुका है। उन्होंने सभी के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। खास बात है कि इस दौरान इसरो चीफ ने अपने टीम को पहले बोलने का मौका दिया। मिशन चंद्रयान से जुड़े साइंटिस्ट जब इस बारे में बोल रहे थे तब सोमनाथ पीछे खड़े मुस्कुरा रहे थे।

*पिछली गलतियों से लिया सबक*
इसरो का पिछला चंद्रयान-2 मिशन सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान विफल हो गया था। इसरो का कहना है कि हमने अपनी गलतियों से सीखा है। (इस बार) हमने कई बदलाव किए हैं और नए सेंसर जोड़े हैं। टारगेट लैंडिंग क्षेत्र को 4.2 किलोमीटर लंबाई और 2.5 किलोमीटर चौड़ाई तक बढ़ा दिया गया है। चंद्रयान-3 में लेजर डॉपलर वेलोसिमीटर के साथ चार इंजन भी हैं। इसका मतलब है कि वह चंद्रमा पर उतरने के सभी चरणों में अपनी ऊंचाई और अभिविन्यास (Configureation) को नियंत्रित कर सकता है। चंद्रयान 3 को इस बार दक्षिणी ध्रुव पर 70 डिग्री अक्षांश पर सुरक्षित तरीके से उतारने का फैसला किया गया था। चंद्रयान-2 मिशन 7 सितंबर, 2019 को चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान उस समय असफल हो गया था। उस समय लैंडर ‘विक्रम’ ब्रेक संबंधी प्रणाली में गड़बड़ी होने के कारण चंद्रमा की सतह से टकरा गया था। भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था।

चंद्रयान के महा अभियान की सफलता के लिए “हिंदी माता परिवार” और “वैदिक संस्कृति ज्ञान दर्शन” के शिक्षक, साधु , संत , महात्माओं, पंडित, विद्वान और सभी वर्ग के लोगों के द्वारा प्रार्थना की गई।

हिंदी माता परिवार के संस्थापक डॉ• परमानंद शुक्ल ने संपूर्ण भारत वासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज वास्तव में भारत दुनिया का विश्व गुरु बन गया है। अब चंदामामा हमसे दूर के नहीं बल्कि टूर के हो गए हैं।
आज ब्रह्मांड से के सभी देवता स्वयं नारायण, महेश , दिनेश, ब्रह्मा, दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी भारत के वैज्ञानिकों की प्रसंशा कर रहे होंगे। हमें भारत के वैज्ञानिकों पर गर्व है। आज भारत का झंडा चांद पर फहर रहा है। हमें हमारे भारत प्रधानमंत्री पर गर्व है। हमें हमारे भारतीय होने पर गर्व है। आज वैदिक संस्कृति वैदिक ज्योतिष और वैदिक गणित, विज्ञान की भी जीत हुई है।
डॉ• परमानंद जी ने भारतीय संस्कृत भाषा की महत्वपूर्ण बात शेयर करते हुए हिंदी भाषा की जननी संस्कृत का गुणगान करते हुए का कि – लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर की सफल लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर, एक 26 किलोग्राम का रोबोट वाहन, मिशन के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरणों की एक श्रृंखला से सुसज्जित है। इसका नाम, संस्कृत शब्द “बुद्धि” से लिया गया है, जो इसके उद्देश्य को दर्शाता है। *रोवर का परिचालन जीवन एक चंद्र दिवस तक फैला है, जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है*।*

*प्रज्ञान सतह पर मैग्नीशियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और अन्य जैसे कई तत्वों की महत्वपूर्ण जांच करेगा। विशेष रूप से, यह चंद्रमा के सूक्ष्म वातावरण को समझने, उतार-चढ़ाव और दिन/रात के चक्रों का अध्ययन करने में सहायता करेगा।*

“`अगर इंसानों द्वारा विकसित प्रज्ञान 14 दिनों में इतना कुछ कर सकता है, तो हमारी आंतरिक क्षमता क्या है!!!“`
हिंदी माता परिवार से जुड़े हुए सभी शिक्षक , शिक्षिकाओं ने चंद्रयान -3 की सफलता के लिए हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हमें चंद्रयान पर गर्व है। शानू श्रीवास्तव,
डॉ • कविता वर्मा,
मधु अग्रवाल (यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल ए ब्लॉक प्रीत विहार), डा• शोभा श्रीराम टोलीवाल (स्वामिनारायण विद्यापीठ
गुजरात) , नीलम शुक्ला
(रायन इंटरनेशनल स्कूल मयूर विहार फेस 3 दिल्ली)
डॉ• रीतू शर्मा (दिल्ली पब्लिक स्कूल गुड़गांव हरियाणा
चंद्रकांता (बाल भवन पब्लिक स्कूल, मयूर विहार , फेज -2 दिल्ली)
शानू श्रीवास्तव
(द मिलेनियम स्कूल साउथ सिटी लखनऊ), श्रीदेवी . के एन
केरला (St Joseph’s school Anandapuram.Thrissur) , Smita P Pise St. Claret English medium school Chimur Chandrapur Maharashtra, अंजु वर्मा, सनसिटी स्कूल, गुड़गाँव, हरियाणा। स्वीटी उल्लास, पी . एस. बी. बी. स्कूल चेन्नई , प्रीति पी एन, गार्डियन एंजेल्स पब्लिक स्कूल, मंजुम्मेल, एरनाकुलम, केरला, अंजली रवींद्र जाधव (आर एम डी सिंहगड स्प्रिंग डेल स्कूल वारजे, पुणे) ने संपूर्ण भारत वासियों को अपनी बधाईयां दी।
डॉ. मोनिका मारवाह आदर्श, अमिता दूबे
ट्री हाउस हाई स्कूल विरार वेस्ट (महाराष्ट्र), शीतल यादव
अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली, सुनीता देवी
मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर-51 गुरुग्राम हरियाणा, ज्योती तिवारी
बिलाबांग हाय इंटरनेशनल स्कूल मलाड वेस्ट, मुंबई, अतिंदर कौर ओबेरॉय
जी जी इंटरनेशनल स्कूल, पिंपरी, पुणे।ने संपूर्ण भारत वासियों को अपनी बधाईयां दी।

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