*एक कविता सभी शिक्षकों के लिए समर्पित*
*एक कविता सभी शिक्षकों के लिए समर्पित*
शिक्षक होकर शिक्षक का,
आप सभी सम्मान करो!
सभी शिक्षक एक हमारे,
मत उसका नुकसान करो!
चाहे शिक्षक कोई भी हो,
मत उसका अपमान करो!
जो ग़रीब हो, अपना शिक्षण
रोजगार देकर धनवान करो!
हो गरीब शिक्षक की बेटी,
मिलकर कन्या दान करो!
अगर लड़े चुनाव शिक्षक ,
शत -प्रतिशत मतदान करो!
हो बीमार कोई भी शिक्षक ,
उसका दिल से सहयोग करो!
बिन घर के कोई मिले शिक्षक ,
उसका खड़ा मकान करो!
अगर शिक्षक दिखे भूखा,
भोजन का इंतजाम करो!
अगर शिक्षक की हो अटकी फाईल,
शीघ्र काम श्रीमान करो!
शिक्षक की लटकी हो राशि,
शीघ्र आप भुगतान करो!
शिक्षक को अगर कोई सताये,
उसकी आप पहचान करो!
अगर जरूरत हो शिक्षक को,
घर जाकर श्रमदान करो!
अगर मुसीबत में हो शिक्षक ,
फौरन मदद का काम करो!
अगर शिक्षक दिखे वस्त्र बिन,
उसे अंग वस्त्र का दान करो!
अगर शिक्षक दिखे उदास,
खुश करने का काम करो!
अगर शिक्षक घर पर आये,
चरणस्पर्श , प्रणाम कर सम्मान करो!
अपने से हो बड़ा शिक्षक,
उसको आप प्रणाम करो!
हो गरीब शिक्षक का बेटा,
उसकी मदद तमाम करो!
बेटा हो गरीब शिक्षक का पढ़ता,
कापी- पुस्तक दान करो!
– डॉ • पी•एन• शुक्ल ‘शिक्षक ‘ ( हिंदी माता परिवार)